Mohabbat Zindabaad.

Anonymous
2 min readApr 27, 2024
humara din hi bana diya aapne. shukriya :)

यह है रुबीना जी, हमारे कॉलेज की सिक्योरिटी अक्का। कुछ दिन पहले जब मैं कॉलेज से बाहर जा रही थी तो अमूमन ही गेट पर आईडी कार्ड दिखाने की आदत से लाचार मैंने इन्हें अपनी आईडी दिखाई जब कि इन्होंने मांगी तक नहीं थी। मुझसे पूछती है, कि याद है एक बार मेरी ड्यूटी तुम्हारे हॉस्टल में लगी थी, जो कि मुझे नहीं याद थी। हैरानी की बात थी कि उन्हें हिंदी आती थी और उन्हें मैं याद थी।

बहरहाल उस रोज़ हमारी ज़्यादा कुछ बातें तो नहीं हुई। पर आज जब परीक्षा से लौटने के बाद मैंने इन्हें दोबारा से अपने हॉस्टल में देखा, तो मुझे एकदम से याद आया और मैं उनसे मिलने उनके पास चली गई थी। इस बेजोड़ दोपहरी में हमारे ऊपर पड़ती तेज़ लू के बीच रुबीना जी के साथ दो घंटे कब बीत गए मालूम ही नहीं हुआ। इतनी प्यारी, इतनी नेक दिल, इतनी मिलनसार और अपने ख़यालों और विचारों में इतनी ओपन-माइंडेड कि मुझे हैरत से ज़्यादा ख़ुशी हो रही थी। इतनी बातें हुई कि वक्त और गर्मी का एहसास मात्र नहीं हुआ। इन्होंने भले सिर्फ़ नवीं तक की पढ़ाई की हो पर यह इतनी ज़हीन है कि हमारे मुल्क के तमाम सो-कॉल्ड पढ़े लिखे लोगों को पीछा छोड़ देंगी। आज नफ़रत से भरे ऐसे दौर में मोहब्बत-आगीं लोगों का मिलना मुश्किल ही नहीं बेहद मुश्किल हैं।हमारे वक्त का तक़ाज़ा है यह कि दुनिया ऐसे लोगों से यूंही आबाद रहें।

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Anonymous

We tend to miss people more often when they are away. This is true for those we lost in heaven and those still alive in our lives.